हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, हुर्मुज़गान:हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मोहम्मद अबादीज़ादेह, जो हर्मुज़गान प्रांत में वली-ए-फ़क़ीह के प्रतिनिधि हैं जुमाआ की नमाज़ के खुतबे में कहा,आज हम सब यहाँ जमा हुए हैं ताकि हम अपनी नाराज़गी, नफ़रत और घृणा की आवाज़ ज़ायोनियों के ख़िलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं तक पहुँचा सकें।
उन्होंने जुमे के दिन ग़ज़ब की रैलियों (Friday of Anger rallies) में बंदर अब्बास में भाग लेते हुए कहा,दुर्भाग्य से अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की चुप्पी और अमेरिका की सियूनियों को मिलने वाले समर्थन के कारण हम हर हफ़्ते ग़ाज़ा के मज़लूम और बेगुनाह लोगों के क़त्ल-ए-आम के गवाह बनते हैं।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा,उम्मत-ए-इस्लामी और दुनिया की बड़ी क़ौमें कभी भी मज़लूमों के समर्थन की आवाज़ बंद न करें यह आवाज़ हमेशा बुलंद रहनी चाहिए।
हुज्जतुल इस्लाम अबादीज़ादेह ने कहा,इस सप्ताह हर्मुज़गान के लोग पूरी ईरानी क़ौम की तरफ़ से सियूनियों के खिलाफ अपने ग़ुस्से और नफ़रत का इज़हार कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि ये लोग हमेशा ग़ाज़ा के मज़लूमों का साथ देते आए हैं।
जुमआ की नमाज़ के बाद बंदर अब्बास में एक रैली निकाली गई जिसमें भाग लेने वालों ने सियूनी जुल्म के खिलाफ आवाज़ बुलंद की।इस मौक़े पर जारी की गई क़रारदाद के एक हिस्से में कहा गया,हम जागरूक इस्लामी ईरान के लोग ग़ाज़ा में चल रहे नरसंहार को इस ज़ायोनी शासन की रणनीतिक कमजोरी का सबूत मानते हैं, जो ग़ाज़ा के लोगों की सतत और संगठित प्रतिरोध का सामना नहीं कर पा रहा।
एक अन्य हिस्से में ग़ाज़ा के जांबाज़ और सब्र करने वाले मुजाहिदीनों को संबोधित करते हुए कहा गया,ईरानी क़ौम केवल नारे की हद तक नहीं, बल्कि अपने ईमान और अमल में भी खुद को उनके दुख-दर्द और आदर्शों का साझी मानती है।
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